नमस्कार मित्रों
आज का एक दृश्य देख के अत्यंत आनंद आया, आर पी सिंह नामके के एक सेवा निर्वत्त अधिकारी ने यह कह कर सनसनी मचा दी की साहेब मैंने तो टू जी में सिर्फ 2645 करोड़ का घोटाला बताया था, लेकिन कैग ने मेरी बात न मानते हुए 1.76 करोड़ का घोटाला बता दिया, और उनकी इस बात पर कांग्रेस ऐसे व्यवहार कर रही है मानो उसे अल्लादीन का खजाना मिल गया हो, अपनी बांछे खिली देख वह किलोले मार रही है, वाह वाह वाह मजा आ गया यह सब सुन के,
भाई सिंह साहेब, कितनी जल्दी आपको ज्ञान की प्राप्ति हो गई, रिटायर होते ही, आप धन्य हैं आपको नमन करना चाहिए सार्वजनिक अभिनन्दन होना चाहिए, पुष्प वर्षा होनी चाहिए आप पर, पर अगर आज ए राजा आपके सर पर जूते मारे तो आप कैसे रोकेंगे उन्हें, अगर राजा आपसे पूछे, भाई इतने दिनों से मुह पे ताला क्यों था तो क्या कहेंगे आप, अगर राजा कहे की जब मै जेल जा रहा था तो आपकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागी तो कहाँ मुंह काला करेंगे आप,
वैसे प्रश्न तो कैग भी कर सकते थे, अगर कहे भाई तू मेरा बॉस था या मै तेरा, रिपोर्ट पे तूने हस्ताक्षर किये या मैंने, तेरी बात ही मानना अगर मजबूरी होती तो कैग तू ही नहीं होता मेरी क्या जरूरत थी, तो क्या जवाब देंगे श्रीमान, शायद आपके पास जवाब नहीं होगा,
परन्तु इस देश की जनता मूर्ख नहीं है श्रीमान, वह खूब समझती है की संसद में घिरी सरकार के संकटमोचन आप क्यों बनना चाहते हैं, सच तो यह है की सवाल कैग पर नहीं खुद आपकी विश्वसनीयता पर हैं, आपकी नियत पर हैं, अब कह भी डालिए, कौन सा लालच दिया गया है आपको, और अगर आप में थोड़ी बहुत शर्म बची हो तो खुद से ही प्रश्न कीजिये की आप किसे बचाना चाह रहे हैं,
मनोज
बढिया जानकारी
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