Wednesday 27 April 2011

बीवी चालीसा..

ओ बीवी मेरी, अरी ओ बीवी मेरी
पति को देखते ही क्यों, आँख चढ़े तेरी
ॐ जय बीवी मेरी......

तुम हो शक्ति की देवी, काली हो तुम ही,
शस्त्र सहित सब शक्ति, चलती मुझ पर ही
ॐ जय बीवी मेरी...

मुस्टि प्रहार भयंकर, नारी तुम बेलनधारी
पीट पाट के कहती, नर अत्याचारी 
ॐ जय बीवी मेरी....

तुम हो रूप कराली, ज्यों चंडी दुर्गा
सुबह शाम हो बनाती पति को तुम मुर्गा
ॐ जय बीवी मेरी.....

निज पत्नी की आरती जो कोई नर गावै 
अगले जनम में नारी रूप को वो पावै
ॐ जय बीवी मेरी......

बोलो अपनी पत्नी की ........जय
बोलो सबकी पत्नियों की .....जय.....      



मनोज



2 comments:

  1. bahut sahi
    aise hi aarti vandan roj karte rahiyega bhabhi k raudra roop se bachne k liye.

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  2. CHALISA PATH SE KUCHH LABH HUA HO TO MUJHE BHI SUJHAIYEGA.

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