पता नहीं हमारे मित्र क्रिकेट को लेकर इतने अधीर क्यों हो जाते है, सचिन की बात करे तो जिसे देखो, नसीहत देने पर आमादा है, अरे भाई जिस सचिन ने 30000 रन के आस पास बनाये उसपर ऊँगली उठाने में 2 मिनट नहीं लगाते आप, शर्म आनी चाहिए आपको अपने आप पर, अच्छा कहिये घर का बुजुर्ग कुछ भी कहे, कुछ भी करे हमें उसे निभाना तो पड़ता ही है, ठीक उसी प्रकार से सचिन को कुछ दिन ढोने में आप सबको आपत्ति नहीं होनी चाहिए, उनके आगामी 15 साल तक खेलते रहने के मेरे कुछ तर्क इस प्रकार से हैं,
1. तो क्या हो गया, अगर उन्होंने अपनी एक नयी भूमिका भी चुन ली है तो, वे राजनीतिक हो गए तो, हर आदमी अपनी वैकल्पिक व्यवस्था तो करके रखता ही है, सो उन्होंने भी कर लिया, अरे भूल गए क्या कि कैसे पुराने जमाने के राजा महाराजा अपनी मजार खुद बनवा के मरते थे, अर्थात भविष्य की चिंता, सो इससे उनके खेलने का (राज्य करने का) अधिकार समाप्त तो नहीं हो जाता, लिहाजा वो खेलेंगे कम से कम मै तो उनके साथ हूँ ।
2. सचिन ने खुद ही कहा वो क्रिकेट को एन्जॉय कर रहे हैं, और जब तक वे एन्जॉय करते रहेंगे, खेलते रहेंगे (दुनिया जाए भाड़ मे). भाई अब अगर वे एन्जॉय कर रहे हैं, तो आपको पूछता कौन है, तू हां कर या ना कर वो तो खेलेंगे ही,
3. सचिन देशभक्त इंसान हैं, तो क्या हुआ अगर वे 20-20 वर्ल्ड कप में भारत के लिए नहीं खेलते, आईपीएल तो खेलते ही हैं ना, और क्या चाहिए देशभक्ति का सबूत आपको, एक देशभक्त को आप सूली पर टांग देना चाहते हैं, सबको सौरव गांगुली समझा है क्या ?
4. वे अभी भी रन बना रहे है और बनाते रहेंगे, तो क्या हुआ अगर वे पिछली 10 पारियों में 30 से अधिक रन नहीं बना पाए तो, भूल गए बंगलादेश के खिलाफ कैसे सैकड़ा जड़ के शतको का शतक पूरा किया था, अब वे अपनी मर्जी की टीम के खिलाफ खेलते हैं, अमां आमिर खान की तरह चूजी होने में बुराई क्या है, जैसे वे साल में एक मूवी बनाते हैं, वैसे ही सचिन भी एकाध सीरीज खेल लिया करेंगे, 15 साल होते ही कितने है, आराम से बीत जायेंगे .
5. और सबसे बड़ी बात ये की सचिन मुंबईकर हैं, आगे कुछ कहा तो शिव सेना वाले मारेंगे, हां पता है ब्लॉगर हूँ, पर पिटना जरूरी है क्या ?
मनोज