ओ बीवी मेरी, अरी ओ बीवी मेरी
पति को देखते ही क्यों, आँख चढ़े तेरी
ॐ जय बीवी मेरी......
तुम हो शक्ति की देवी, काली हो तुम ही,
शस्त्र सहित सब शक्ति, चलती मुझ पर ही
ॐ जय बीवी मेरी...
मुस्टि प्रहार भयंकर, नारी तुम बेलनधारी
पीट पाट के कहती, नर अत्याचारी
ॐ जय बीवी मेरी....
तुम हो रूप कराली, ज्यों चंडी दुर्गा
सुबह शाम हो बनाती पति को तुम मुर्गा
ॐ जय बीवी मेरी.....
निज पत्नी की आरती जो कोई नर गावै
अगले जनम में नारी रूप को वो पावै
ॐ जय बीवी मेरी......
बोलो अपनी पत्नी की ........जय
बोलो सबकी पत्नियों की .....जय.....
मनोज
bahut sahi
ReplyDeleteaise hi aarti vandan roj karte rahiyega bhabhi k raudra roop se bachne k liye.
CHALISA PATH SE KUCHH LABH HUA HO TO MUJHE BHI SUJHAIYEGA.
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